वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर<br />२० जून, २०१४<br />रानीखेत, उत्तराखंड<br /><br />अमुलो अमुलु आखिआ न जाइ ॥ आखि आखि रहे लिव लाइ ॥ (गुरु ग्रंथ साहब)<br /><br />प्रसंग:<br />विस्मृति का क्या अर्थ है?<br />स्मरण का क्या महत्व है?<br />जपने का क्या अर्थ है?<br />जाप करने को इतना महत्व क्यों दिया गया है?<br />सुरति माने क्या?<br /><br />संगीत: मिलन दाते